अब बस भी कर
ये बात-बात में रोना — अब बस भी कर,
दूसरों की ज़िंदगी देखकर कसमसाना — अब बस भी कर।
क्या तेरे पास ख़ुश रहने को कुछ भी नहीं?
सोचा तो कर…
सोचा ना!
अपना आरोग्य है,
अपने पे काम करने की ललक है,
निखार का जज़्बा है…
और क्या चाहिए?
अब बस भी कर।
ये बात-बात में रोना — अब बस भी कर,
दूसरों की ज़िंदगी देखकर कसमसाना — अब बस भी कर।
क्या तेरे पास ख़ुश रहने को कुछ भी नहीं?
सोचा तो कर…
सोचा ना!
अपना आरोग्य है,
अपने पे काम करने की ललक है,
निखार का जज़्बा है…
और क्या चाहिए?
अब बस भी कर।
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